जिनपिंग के नेतृत्व पर सवाल , चीन में लगातार प्रोटेस्ट ... तो क्या इस वजह से LAC पर तनाव बढ़ा रहा ड्रैगन ?
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यांगत्से में भारत और चीन की सेना में झड़प हुई है . जून 2020 में गलवान घाटी में झड़प के बाद ये पहली बार है जब दोनों देशों की सेनाओं में झड़प हुई है . हालांकि , चीन के ही लोगों का कहना है कि अंदरूनी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सीमा पर तनाव बढ़ाया जा रहा है
भारतीय सेना ने सोमवार को बयान जारी कर बताया कि 9 दिसंबर को तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों में झड़प हुई थी . इस झड़प में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोट आई है . इस झड़प पर मंगलवार को लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि भारतीय सेना ने बहादुरी से पीएलए ( पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ) को हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण करने से रोका और उन्हें उनकी पोस्ट पर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया . राजनाथ सिंह ने ये भी बताया कि इस झड़प में भारतीय सेना का न तो कोई जवान शहीद हुआ है और न ही किसी को गंभीर चोट आई है .
इस झड़प के बाद चीन की ओर से भी बयान सामने आया है . न्यूज एजेंसी के मुताबिक , चीन का कहना है कि सीमा पर स्थिति ' स्थिर ' बनी हुई है . बाद में इस झड़प को लेकर चीन ने भारतीय सेना पर ठीकरा फोड़ दिया है . चीनी सेना ने आरोप लगाया है कि भारतीय सेना के जवानों ने अवैध तरीके से विवादित सीमा को पार किया था , जिसकी वजह से झड़प शुरू हुई . इससे पहले जून 2020 में लद्दाख में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी . इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे . चीन ने 4 जवानों की मौत की बात मानी थी . लेकिन ऑस्ट्रेलिया अखबार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि इस झड़प में कम से कम 38 जवान मारे गए थे . गलवान में झड़प के बाद ये पहली बार है जब सीमा पर इस तरह से भारत और चीन के सैनिकों में झड़प हुई है .
सीमा पर तनाव ऐसे समय बढ़ रहा है , जब चीन में शी जिनपिंग के नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं . वहां जिनपिंग सरकार के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं . चीन के लोगों ने भी इस ओर इशारा किया है कि अंदरूनी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए जानबूझकर सीमा पर तनाव बढ़ाया जा रहा है . दरअसल , चीन में जीरो - कोविड पॉलिसी को लेकर जमकर हिंसक प्रदर्शन हुए थे . जिनपिंग की 10 साल की सत्ता में ये पहली बार था जब इतने बड़े पैमाने पर कम्युनिस्ट सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूटा था . इन प्रदर्शनों के बाद से ही चीनी नागरिक ज्यादा मुखर हो गए हैं और अपनी बात रख रहे हैं .
HTP News.